Uncategorized
Rajgarh,m.p.(pachor):- Rajyoga shivir organised in bodha.
बोड़ा ।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा पांच दिवसीय राजयोग द्वारा शांति अनुभूति शिविर के तृतीय दिवस में गहन ईश्वरीयअनुभूति एवं विश्व कल्याण दिवस मनाया गया । नगर परिषद अध्यक्ष बंटी सोनी, कमल सिंह राजपूत, अशोक गुप्ता, रामेश्वर दांगी, ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी ने दीप प्रज्वलन कर शिविर का शुभारंभ किया।
अतिथियों को भगवान श्री कृष्ण की तस्वीर भेंट स्वरूप ब्रह्माकुमारी दीदी के द्वारा दी गई।
राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी भाग्यलक्ष्मी शिविर का संचालन करते हुए राजयोग का गूढ़ रहस्य बताते हुए कहा कि परमात्मा परम पवित्र है उसे प्राप्त करने के लिए मन को पवित्र बनाना बहुत जरूरी है, मन को जब प्रभु में लगाते हैं तब मन नहीं लगता है, तन के द्वारा हम नाना प्रकार के यत्न करते हैं यज्ञ, हवन, पूजा पाठ इत्यादि धन से हम कई प्रकार की धार्मिक सेवाएं भी करते हैं और पुण्य अर्जित करते हैं लेकिन मन प्रभु में नहीं लगता है, क्योंकि मन मेला है, जब हमारी आंखें पाप कर रही है, कान पाप कर रहे हैं, मुख पाप कर रहा है, शरीर की सर्व कर्म इंद्रियां पाप कर रही है, तो यह मन प्रभु में कैसे लग सकता है मन को लगाने के लिए मनमानाभव होना पड़ेगा अर्थात गीता में भगवान के कथन अनुसार की हे। अर्जुन तु मन को मुझ में लगा मुझे प्राप्त करने का पुरुषार्थ कर और देह सहित देह के सर्वधर्म को भूल तू मेरी शरण में आजा तो मैं तुझे सर्व पापों से मुक्त कर दूंगा।
राजयोग का वर्णन करते हुए दीदी ने कहा कि राजयोग अर्थात अपने कर्मेंद्रियों पर राज अधिकारी बनना जब हम अपनी कर्मेंद्रियों को जीतेंगे तभी राजयोगी कहलाएंगे। भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर में तो जाते हैं लेकिन आंखें बंद करते हैं अब आप बताइए कि भगवान को दर्शन देने के लिए गए थे या दर्शन करने के लिए क्योंकि हमारी आंखें तो बंद थी इसलिए राजयोग का अभ्यास खुली आंखों से किया जाता है इन आंखों से देखते हुए भी उस परमात्मा को बुद्धि रूपी नेत्रों से देखना ही राजयोग कहलाता है राजयोग का अभ्यास गृहस्थ जीवन में रहते हुए हम कर सकते हैं, जैसे कमल का फूल कीचड़ में खिलते हुए भी कीचड़ से न्यारा प्यारा रहता है, ऐसे ही संसार भी कीचड़ के समान है अतः राजयोग का अभ्यास करने से हम संसार रूपी कीचड़ में रहते हुए भी इस संसार से न्यारे और प्यारे हो सकते हैं, परमात्मा को प्राप्त करने की सहज विधि ही राजयोग कहलाती है योग अर्थात मिलन या जोड़ को कहा जाता है लेकिन राजयोग हमें मनुष्य से देवत्व की ओर ले जाता है स्वर्ग का अधिकारी बनाता है। शिविर में नाटक के द्वारा शिक्षा दी गई कि हमेशा हमें कर्तव्य परायण होकर रहना है एवं कभी भी कर्म से विमुक्त नहीं होना है कर्म योगी बनना है ना कि कर्म के बंधन में बंधना कर्म करते हुए भी परमात्मा की याद हमारे जीवन में समाई हुई रहे,
अंतिम बेला में परमात्मा शिव की आरती के बाद शिविर का समापन हुआ।
Uncategorized
Bakhed,m.p.:- Geeta pravachan.
Uncategorized
Khujner,M.P.:- Navratri jhanki 2022
Uncategorized
Chhapiheda,m.p.:- Rajyog shivir
-
Program2 years ago“होली” महोत्सव ब्रह्माकुमारी राजगढ़ mp-2024
-
Program2 years ago“श्री कृष्ण जन्माष्टमी” राजगढ़ मध्य प्रदेश-2023
-
Program2 years agoअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस राजगढ मध्य प्रदेश-2024
-
Brahmakumaris Rajgarh2 years ago“विश्व पर्यावरण दिवस “राजगढ़ मध्य प्रदेश-2023
-
Brahmakumaris Rajgarh2 years agoGeeta jayanti program 2023
-
Program2 years agoश्रीमद भगवत गीता प्रवचन ग्राम मोरचाखेड़ी राजगढ -2024
-
Brahmakumaris Rajgarh1 year ago“मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत “जिला जेल राजगढ़ एमपी-2024
-
Program2 years ago“खुशियों की बहार परमात्मा के द्वार “-जिला जेल राजगढ़ मध्य प्रदेश -2023









