Connect with us

Uncategorized

Chhapiheda,m.p.:- Dadi Prakashmani ji smruti diwas.

Published

on

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छापीहेड़ा में संस्था की पूर्व प्रशासन राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 15 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
ब्रम्हाकुमारी सीमा ने दादी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादी जी का लौकिक नाम रमा था बाद में परमात्मा द्वारा उन्हें अलौकिक नाम प्रकाशमणि दिया गया। वह मणि जिसका प्रकाश सारे विश्व में फैला अर्थात उन्होंने ईश्वरीय ज्ञान को 130 देशों तक पहुंचाया । संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के संपूर्णता प्राप्त करने के बाद 18 जनवरी 1969 से दादी ने संस्था की बागडोर संभाली । दादी ने फॉलोवर्स नहीं लीडर्स बनाएं । दादी सभी वत्सो की मात्रवत पालना करती । उन्होंने अपने जीवन में ज्ञान ,गुण ,शक्तियों को धारण किया और स्लोगन दिया निमित्त, निर्माण ,निर्मल वाणी। वे कभी भी अपने को ऐड नहीं समझती थी और कहती थी हेड समझना अर्थात हेडेक होना। वे कभी भी मैं और मेरे शब्द का इस्तेमाल नहीं करती थी, हमेशा कहती दादी ऐसा समझती है, दादी का यह विचार है । वह स्वमान में रहकर छोटे, बड़े सभी का सम्मान करती थी । दादी जी के निर्देशन में ज्ञान सरोवर, शांतिवन ,मनमोहिनी वन परिसर तैयार हुए । जहां 20000 लोगों के रहने की व्यवस्था है और 30,000 लोग भोजन कर सकते हैं। शांतिवन में स्थित डायमंड हॉल उन्होंने ही बनवाया जिसमें 20000 लोग बैठ सकते हैं जिस हॉल में एक भी पिल्लर नहीं है । उन्हें परमात्मा की वाणी मुरली सुनने की बहुत लगन थी वह दिन में चार बार मुरली पड़ती और यह धारणा थी कि क्लास में जाकर मुरली मुरली अवश्य सुनाउ। दादी एक बल, एक भरोसे वाली थी । उन्होंने कभी भी अपनी बुद्धि को किसी वस्तु, व्यक्ति में ना अटकाया ना भटकाया । वे सत्यता, पवित्रता, निर्मलता ,मातृशक्ति की अनोखी मिसाल थी।
अंत में सभी ने दादी समान बनने का संकल्प लेते हुए दादी जी को पुष्पांजलि अर्पित की।

Continue Reading

Uncategorized

Bakhed,m.p.:- Geeta pravachan.

Published

on

Continue Reading

Uncategorized

Khujner,M.P.:- Navratri jhanki 2022

Published

on

Continue Reading

Uncategorized

Chhapiheda,m.p.:- Rajyog shivir

Published

on

Continue Reading

Brahma Kumaris Rajgarh Biaora