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Chhapiheda,m.p.:-Janmashtami celebration.

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, छापीहेड़ा में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राधे कृष्ण की सुंदर झांकी सजाई गई ।जिसका उद्घाटन नवनिर्वाचित नगर अध्यक्ष देव बाई विसालिया जी, समाजसेवी मोहनलाल जी सोनी ब्रम्हाकुमारी, सीमा ब्रह्माकुमारी अनिता ने दीप प्रज्वलन कर किया। वही कृष्ण के जन्मोत्सव पर केक कटिंग कर श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया गया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के आध्यात्मिक रहस्य से अवगत कराते हुए ब्रह्माकुमारी सीमा ने कहा कि श्री कृष्ण सतयुग में आठ जन्म लेते हैं इसलिए उनके लिए हम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं। वे सतयुग के प्रथम महाराजकुमार हैं, सर्वगुण संपन्न, 16 कला संपूर्ण , संपूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम ,अहिंसा परमो धर्म वाले हैं। उन्हें डबल ताज दिखाया गया है एक है रत्नों का और दूसरा है प्रकाश का जो पवित्रता का प्रतीक है ।उन्हें मनमोहन, चित्तचोर भी कहा गया है क्योंकि वे मन को मोहने वाले ,चित्त को चुराने वाले हैं । वे परमात्मा के बाद सबसे पवित्र आत्मा है ,गुणवान है इसलिए उन्हें भगवान कह दिया गया है परंतु भगवान तो ज्योति स्वरूप, निराकार अजन्मा ,अभोक्ता, अकाय ,अयोनि है।
श्री कृष्ण के लिए कहते हैं श्याम सुंदर अर्थात श्री कृष्ण ही सुंदर होते हैं और कुछ जन्मों के बाद पांच विकारों की प्रवेशता के कारण आत्मा काली हो जाती है अर्थात श्याम बन जाती है इसलिए उन्हें श्यामसुंदर कहते हैं। वर्तमान समय परमात्मा धरती पर आकर मनुष्य आत्मा को काले से गोरा बना रहे हैं अर्थात श्याम से सुंदर बना रहे हैं ज्ञान और योग के माध्यम से। आज के दिन मटकी फोड़ी जाती है तो हमें भी अपने अभिमान की मटकी फोड़नी है। कृष्ण जी के लिए कहते हैं “श्री कृष्ण गोविंद ,हरे मुरारी ,हे नाथ नारायण वासुदेवा” इसका अर्थ श्री कृष्ण नाम उनके बाल्यावस्था का है, जब भी थोड़े बड़े होते हैं गायों को पालते हैं तो उन्हें गोविंद कहते हैं, जब रास करते हैं गोपियों के साथ तो नहीं हरे मुरारी कहते हैं और जब उनका स्वयंवर होता है और राजतिलक मिलता है तब उन्हें नारायण कहा जाता है। श्री कृष्ण सतयुग में जन्म लेते हैं उन्होंने ऐसा श्रेष्ठ, महान जन्म अपने कर्म श्रेष्ठ करके पाया है। श्री कृष्ण जी ने पिछले जन्म में परमात्मा से ज्ञान सुना और योग का अभ्यास किया इसलिए उन्हें योगेश्वर भी कहा जाता है। बहुत ही जल्द श्री कृष्णजी महाविनाश के पश्चात श्री कृष्ण जी का जन्म इस धरती पर होने वाला है । कार्यक्रम में बच्चों ने सुंदर मनमोहक प्रस्तुतियां दी साथ ही अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट कर सम्मानित किया गया । अंत में सभी ने मिलकर श्री कृष्ण जी की आरती की व सभी को ईश्वरीय प्रसादी वितरित की गई।

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Bakhed,m.p.:- Geeta pravachan.

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Khujner,M.P.:- Navratri jhanki 2022

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Chhapiheda,m.p.:- Rajyog shivir

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Brahma Kumaris Rajgarh Biaora