Uncategorized
राजगढ़ (म.प्र):- राजगढ़ सेवाकेंद्र पर गीता जयंती का आयोजन l
आज जब विश्व महाविनाश के कगार पर खडा है यह वही कुरूक्षेत्र वाली स्थिति है। ऐसे समय पर मानवजाति को इस संघर्ष में गीता के ज्ञान की आवश्यकता है। वर्तमान दौर में चिन्ता, भय, समस्या, चुनौतियों से मनुष्य घिरा हुआ है।
यदा – यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:
अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्म्य सृजाम्यहम
परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुश्कृताम
धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे – युगे।
अर्थात जब-जब धर्म की ग्लानि होती है तब – तब में अनेक धर्मों का नाश और एक धर्म की स्थापना करने के लिए मैं आता हूँ।
उक्त विचार राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सीमा ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, शिव वरदान भवन में आयोजित गीता जयन्ती के अवसर पर कही गई। आगे उन्होंने कहा कि जब चारों ओर दु:ख, अशांति, समस्याएं, परिस्थितियों से मनुष्य घिर जाता है। जबकि सभी के कर्म तमोगुणी हो चुके हैं। जब परमात्मा की सन्ताने परमात्मा को भूल रास्ता भटक गई है एेसे समय पर परमात्मा धरा पर अवतरित होकर गीता ज्ञान देते है। पारलौकिक निराकार परमपिता परमात्मा का दिव्य व अलौकिक जन्म होने के कारण वे साधारण बूढ़े तन में सन्निविष्ट होकर गीता ज्ञान सुनने के अभिलाषी अर्जुनों को ज्ञान देते है। जिसमें आये हुए परमात्मा को मूढमति मनुष्य नहीं पहचानते। इसलिए गीता में लिखा है मै जो हूँ जैसा हूँ, कोटों में कोई ही मुझे पहचानते है। गीता ही एकमात्र ऐसा शास्त्र है जिसमें भगवानुवाच है अर्थात भगवान के वचन है।
सर्व धर्मानि परितज्य, मामेकम शरणम वर्ज।
अहं त्वमेव सर्व पापेभ्यो मोक्षेक्ष्यामि माँ शूच:।।
अर्थात देह के सब धर्म छोड़, मेरी शरण में आ जाओ तो मैं तुम्हें सब पापों से मुक्त कर दूँगा और तुम मोक्ष को प्राप्त होओगे। गीता ज्ञान सब धर्म की आत्माओं के लिए है।
मन, वचन, कर्म को पवित्र बनाना, आत्मा के स्वरूप में स्थित हो परमात्मा से योगयुक्त होना है, जीवन में दैवीगुण धारण करना, दूसरों की भी ज्ञान से सेवा करना। इसके लिए अब हमें मोह ममता को त्यागकर विकारों के साथ युद्ध करना है। अब योग द्वारा मुक्ति का तथा देव पद पाने का पुरूषार्थ करना चाहिए।
स्वर्णिम युग का आधार सच्चा गीता का सार के अंतर्गत शिवनारायण नामदेव जी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अर्जुन अर्थात जो अर्जन करने का भाव लेकर ज्ञान सुनते हैं। जिस प्रकार से गीता का ज्ञान घोडे गाडी में देते हुए दिखाया है लेकिन यह स्थूल रथ की बात नहीं है बल्कि परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा के शरीर रूपी रथ में विराजमान होकर अर्जुन को गीता ज्ञान सुनाने की बात है ।गीता में जो हिन्सात्मक युद्ध दिखाया है वास्तव में वह मनुष्य के मन में चलने वाले नकारात्मक विचारों से युद्ध करने की बात है ।
ओद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारी, कपिल गुप्ता जी ने गीता जयन्ती के विषय को लेकर कविता सुनाई। साथ ही इन्दिरा दांगी ने भी गीता माता के उपर कविताओं सुनाई।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन एस. बी. आई. बैंक मैनेजर, गौरीशंकर बावने जी, एड्वोकेट शिवसिंह चौहान जी, कायस्थ समाज की जिला अध्यक्ष, अर्चना शुक्लजी, राजगढ़ सेवाकेंद्र प्रभारी ब्र. कु. मधु, ब्र. कु सीमा, ब्र. कु. अरविन्द सक्सेना जी ने दीप प्रज्वलित कर किया गया।
ब्र. कु. सुमित्रा बहन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।
Continue Reading
Uncategorized
Bakhed,m.p.:- Geeta pravachan.
Uncategorized
Khujner,M.P.:- Navratri jhanki 2022
Uncategorized
Chhapiheda,m.p.:- Rajyog shivir
-
Program2 years ago“होली” महोत्सव ब्रह्माकुमारी राजगढ़ mp-2024
-
Program2 years ago“श्री कृष्ण जन्माष्टमी” राजगढ़ मध्य प्रदेश-2023
-
Program2 years agoअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस राजगढ मध्य प्रदेश-2024
-
Brahmakumaris Rajgarh2 years ago“विश्व पर्यावरण दिवस “राजगढ़ मध्य प्रदेश-2023
-
Brahmakumaris Rajgarh2 years agoGeeta jayanti program 2023
-
Program2 years agoश्रीमद भगवत गीता प्रवचन ग्राम मोरचाखेड़ी राजगढ -2024
-
Brahmakumaris Rajgarh1 year ago“मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत “जिला जेल राजगढ़ एमपी-2024
-
Program2 years ago“खुशियों की बहार परमात्मा के द्वार “-जिला जेल राजगढ़ मध्य प्रदेश -2023











