Connect with us

Rajgarh Centre Activity

Rajgarh (M.P.):- parmatm darshan diwas par “bano mahan karo kalyan ” par spashtikaran.

Published

on

IMG_20171219_194919 vlcsnap-2017-12-20-11h09m42s771 IMG_20171219_201548

परमात्मा एक है , उस सत्य परमात्मा को पहचानने के लिए हमें कुछ बातें समझ लेनी है कि हम परमात्मा किसे कहें ,तो परमात्मा वही हो सकता है जो सर्व धर्म मानने हो ,सर्वोच्च हो, सर्वोपरि हो ,सर्वज्ञ हो, सर्व गुणों में अनंत हो l उसे ही हम परमात्मा कह सकते हैं lउक्त बातें करेडी ग्राम में चल रहे पांच दिवसीय शिविर “ईश्वरीय ज्ञान द्वारा खुशहाल जीवन” के तहत दूसरे दिन ‘परमात्मा दर्शन दिवस’ पर कहीं l परमात्मा दर्शन ,दर्शन अर्थ देखना ,परमात्म दर्शन दिवस में ‘बनो महान , करो कल्याण’ विषय पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हमारा जीवन तब ही महानता को पाएगा जब हम ईश्वरी ज्ञान से सभी का कल्याण करेंगेl इस ज्ञानदान से ही जीवन महान बनेगाl ऐसी महानता को स्वयम में लाने की बात कहीl परमात्मा सर्व धर्म मान्य है अर्थात हर धर्म की आत्माओं का इशारा उस ज्योति ,लाइट्स, निराकार ,नूर की ओर ही हैl जिस परमात्मा को कोई प्रभु ,कोई अल्लाह, कोई वाहेगुरु, कोई गॉड, कोई जेहोवा कह कर पुकारते हैंl परमात्मा सर्वोच्च है अर्थात उनके ऊपर कोई नहीं, वह सबसे ऊंचे हैंl परमात्मा स्वयंभू है अर्थात स्वयं पैदा होने वाले हैंl उन को जन्म देने वाला, उनकी पालना करने वाला कोई नहीं ,वह सभी के पालनहार हैं ,सभी के परमपिता ,परमशिक्षक, परमसद्गुरु है l ,वही ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शंकर जी के रचयिता त्रिमूर्ति है l वही करनकरावनहार है और अपना कर्तव्य ब्रह्माजी ,विष्णु जी ,शंकर जी के माध्यम से करवाते हैं l ब्रह्माजी को कहा गया आपको स्थापना करनी है एक नई दुनिया स्वर्ग की l विष्णु जी को कर्तव्य दिया आप को उस नई दुनिया स्वर्ग की पालना करनी है और शंकर जी को कहा कि जब यह दुनिया अत्याचारी, पापाचारी, भ्रष्टाचारी ,दुराचारी हो जाए तब इसका विनाश करना है l इस प्रकार से तीनों देवताओं के रचयिता होने के कारण परमात्मा त्रिमूर्ति है l परमात्मा सर्वोपरि है अर्थात सब चक्रों से परे है ,जन्म मरण, पाप पुण्य के चक्र से परे हैl परमात्मा हम आत्माओं की तरह जन्म नहीं लेते वह अजन्मे, अकाय, अभोक्ता है l वे जन्म नहीं लेते ,तो कोई काया नहीं ,काया नहीं तो कुछ भी अन्न स्वीकार नहीं करेंगे l जबशरीर ही नहीं तो कर्म भी नहीं करेंगे l ना कोई पाप होगा, ना कोई पुण्य जबकि हम सब आत्माएं शरीर धारण करती हैं और कर्म करती हैं और कर्मानुसार ही हम पुण्यात्मा, पापात्मा ,धर्मात्मा, महान आत्मा, देवात्मा कहीं जाती हैं l लेकिन परमात्मा जन्म-मरण से परे सर्वोपरि है  l परमात्मा सर्वज्ञ है अर्थात सब कुछ जानने वाले हैं वह त्रिकालदर्शी ,त्रिलोकीनाथ, त्रिनेत्री है l त्रिकालदर्शी अर्थात तीनों काल भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने वालेl त्रिलोकीनाथ अर्थात साकार मनुष्य लोक ,सूक्ष्म लोक और परलोक तीनों के मालिक हैंl त्रिनेत्री अर्थात ज्ञान का तीसरा नेत्र प्रदान करने वाले हैं l परमात्मा सब कुछ जानने के कारण सर्वज्ञ कह जाते हैं और वह तीनों कालों ,तीनों लोकों का ज्ञान हमें भी देते हैं l परमात्मा सर्व गुणों में अनंत है अर्थात गुणों के सागर हैं l जैसे शांति के सागर, सुख के सागर, प्रेम के सागर, कल्याणकारी हैं ,दुखहर्ता- सुखकर्ता है l परमपिता परमात्मा आत्मा की ही तरह दिव्य ज्योति स्वरूप , प्रकाश स्वरूप है l जिस प्रकार से मनुष्य का बच्चा मनुष्य जैसा ही होता है ,जानवर का बच्चा जानवर जैसा ही होता है, पक्षी का बच्चा पक्षी जैसा ही होता है l उसी प्रकार आत्मा और परमात्मा का स्वरूप भी एक जैसा ही होगा वह है निराकार ज्योति स्वरूपl निराकार अर्थात शारीरिक आकृति से परे दिव्य ज्योति स्वरूप l परमात्मा का नाम शिव है l शिव अर्थात कल्याणकारी l परमात्मा का धाम परम धाम है, परलोक हैं l उनका दिव्य कर्तव्य है पतितों को पावन बनाना l परमात्मा गुणों के भंडार हैं इसलिए उनके लिए कहा जाता है तेरी महिमा अपरंपार हैl
‘सबका मालिक एक फिर क्यों बटा हुआ संसार है ‘ गीत बजाकर सभी से एकता से रहने , भाईचारे की भावना रखने की बात कही जिसे साईं बाबा ने भी कहा थाl “सबका मालिक एक है” l ‘हम सर्वशक्तिमान की संतान हैं ‘गीत पर सभी से एक्टिविटी भी कराई गई l साथ ही अंत में सभी को कॉमेंट्री के द्वारा परमात्म सत्ता की अनुभूति कराई गईl.

Continue Reading

Rajgarh Centre Activity

“संस्कार परिवर्तन भट्टी” राजगढ़ मध्य प्रदेश 2023

Published

on

*राजयोग द्वारा व्यक्तित्व* *विकास एवं संस्कार परिवर्तन भट्टी* *संपन्न*

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव वरदान भवन राजगढ़ में *”आध्यात्मिक सशक्तिकरण से स्वर्णिम भारत का उदय”* विषय पर दो दिवसीय ” *राजयोग द्वारा यक्तित्व विकास एवं संस्कार परिवर्तन (भट्टी)* “कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला प्रभारी राजयोगी ब्रह्माकुमारी मधु दीदी एवं सभी सेवाकेंद्रों से आई हुई ब्रम्हाकुमारी बहने व राजगढ़ शहर एवं जिले से आई हुई लगभग 30 कुमारियो ने दीप प्रज्वलित कर किया। जिसमें बीके मधु दीदी ने कुमारी जीवन का लक्ष्य बताते हुए कहा कि आज वर्तमान समय वातावरण दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है ऐसे समय में आप कुमारियों को आध्यात्मिकता से जुड़ना एवं आत्मविश्वास को बनाए रखना एवं जीवन को सही दिशा में लगाना अति आवश्यक है । वही ब्यावरा सेवाकेंद्र से आई हुई बीके लक्ष्मी दीदी ने क्लास कराते हुए बताया कि राजयोग के अभ्यास से जीवन जीने की कला एवं एकाग्रता आती है और जीवन में कई कठिन परिस्थितियों को भी आसानी से पार कर सकते हैं परमात्मा सुप्रीम सत्ता से संबंध जोड़ कर अपने जीवन को खुशनुमा बना सकते हैं। वही बी.के सुरेखा दीदी ने भिन्न भिन्न आध्यात्मिक ज्ञान प्रद एक्टिविटी एवं वीडियोस के द्वारा बालिकाओं को मोटिवेट किया। अंत में सभी को ईश्वरीय सौगात देकर विदाई की।

Continue Reading

Rajgarh Centre Activity

फाग उत्सव brahmakumaris Rajgarh m.p.

Published

on

*ब्रह्माकुमारी आश्रम में धूमधाम से मनाया फाग उत्सव*

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव वरदान भवन में होली एवं फाग उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं के द्वारा ढोल झान्झ ,मजीरे की तान पर सुंदर भजनों की प्रस्तुति व खूब झूम कर रास किया।
सेवाकेंद्र संचालिका ब्रम्हाकुमारी मधु दीदी द्वारा गुलाल टीका, गुलाबाशी एवं फूलों की वर्षा कर उमंग उत्साह बढ़ाया। ब्रम्हाकुमारी सुरेखा दीदी ने होली एवं फाग का अर्थ बताते हुए कहा कि होली के तीन अर्थ है अंग्रेजी में होली का अर्थ होता है पवित्रता अर्थात् परमात्म योग अग्नि में विकारों को भस्म कर पवित्र बनना दूसरा होली सो हो ली यानि बीती ताहि बिसारिये … जो भी नकारात्मक और व्यर्थ है उसे फूलस्टॉप लगाइए, तीसरा अर्थ है आत्मा परमात्मा की हो ली अर्थात बन गई। होलिका दहन अर्थात मन में जो भी बोझ, दुख तकलीफे, पुराने दुखदायी संस्कार है उन्हें जला स्वयं को संस्कारवान बनाना एवं परमात्मा के संग के रंग से आत्मा को दिव्य गुणों से रंगना। फाग अर्थात बुराइयों से हल्के हो सदा उमंग उत्साह में रहना एवं सर्व को उमंग उत्साह दिलाना ही सच्ची होली व फाग मनाना है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं उपस्थित रही ब्रम्हाकुमारी दीदीयो द्वारा विभिन्न ज्ञानवर्धक गेम कराये जिनका सभी ने भरपूर आनंद लिया। अंत में प्रसाद वितरण द्वारा कार्यक्रम का समापन किया।

 

Continue Reading

Azadi ke amrit mahotsav

Published

on

कल्पतरू प्रोजेक्ट के अंतर्गत गांवों में किया गयावृक्षारोपण

कल्पतरू एक अनोखे प्रोजेक्ट के अंतर्गत ब्रह्माकुमारी संस्था राजस्थान माउंट आबू द्वारा 40 लाख पौधों का वृक्षारोपण कर विकसित करने का लक्ष्य रखा गया।
प्रत्येक पौधे की निगरानी कल्पतरु ऐप के माध्यम से की जाएगी । इसी कड़ी में राजगढ़ सेवा केंद्र द्वारा आज ग्राम खार्चाखेड़ी एवं मोतीपुरा मे शहतूत ,जामुन , आम , सीताफल , नींबू ,पीपल आदि लगभग सो फलदार एवं छायादार वृक्षों को विकसित करने के लिए पौधारोपण किया गया ।इस अवसर पर प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी बहन सुमित्रा एवं अन्य ने अपने वक्तव्य में बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा 5 जून 2022 से 25 अगस्त 2022 के बीच 75 दिनों में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 40 लाख लोगों को प्रति व्यक्ति 1 पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी देते हुए पूरे देश भर में कुल 40 लाख फलदार वृक्षों के लिए पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है ।
प्रत्येक पौधे की जिम्मेदारी ग्रामीण युवक युवतियों को प्रति व्यक्ति 1 पौधे के हिसाब से दी गई जिसे कल्पतरू ऐप के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा ।जिम्मेदारी लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पौधे की देखरेख ,संरक्षण ,खाद पानी आदि की चिंता करनी होगी। एवं अधिक से अधिक पौधे विकसित किए जाएंगे ।
इस अवसर पर खार्चाखेडी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गंगाबाई सरावत, पटेल नारायण सिंह, मोतीपुरा आंगनवाडी कार्यकर्ता रेखा बाई अन्य ग्रामीण महिला पुरुष आदि के सहयोग से पौधा रोपण करते हुए पौधों की देखरेख एवं संरक्षण की मॉनिटरिंग करने के लिए उपस्थित जनो को कहा गया कि वह जिस प्रकार अपने बच्चों की व फसल की देखभाल करते हैं, उसी प्रकार इन पेड़ पौधों के फलने फूलने की भी देखरेखें करेंगे और हर हाल में गांव को हरा भरा बनाने के लिए सहयोग प्रदान करेंगे ।

Continue Reading

Brahma Kumaris Rajgarh Biaora